
श्री कृष्ण ने जब गोवर्धन पर्वत अपनी ऊंगली पर उठाया था, वो वाक्य हम सब को अच्छी तरह मालूम है l
इंद्र देव के गुस्से ने जब बदले की भावना का रूप धारण किया तो निरंतर बारिश शुरू कर दी, जिससे ब्रज वासी काफी परेशानी में आ गये l हर जगह तबाही का माहोल था, लोग डूब रहे थे, जानवर मर रहे थे l इस संकट को देखते हुए श्री कृष्ण ने ब्रज वासिओं की मदद करने के लिए वहां स्थित गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊंगली पर उठा कर ब्रजवासिओं को आश्रय दिया l हालांकि ब्रजवासी जानते थे कि हम उस पर्वत को उठा नहीं सकते फिर भी सिर्फ सहयोग हेतु हर ब्रजवासी एक एक लाठी उस पर्वत पर लगाता है ताकि श्री कृष्ण को यह ना लगे कि वो अकेले है l
आज की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है,
सरकारें, प्रशासन, डाक्टर, सफाई कर्मचारी, बैंकर, जरूरी समान की सप्लाई करने वाले हम सभी को बचाए रखने के लिए इस संकट की घड़ी में हर सफल प्रयास कर रहें है और अगर हम सहयोग नहीं देंगे, घरों में नहीं रहेंगे, social distancing का खयाल नहीं रखेंगे, बार बार हाथ नहीं धोयेंगे, मास्क नहीं पहनेंगे तो इनका मनोबल टूट सकता है l इसलिए सहयोग करें, शिकायत बिलकुल न करें l घर बैठ कर बातें बनाना और सोशल मिडिया पर प्रसिधि के लिए सिस्टम को बुरा कहना बहुत आसान है l सिस्टम आपकी भलाई चाहता है और वो तभी संभव है जब आप शिकायत नहीं सहयोग करेंगे l
घर पर रहें – सुरक्षित रहें l
– Himanshu Arora
वर्तमान में उपस्थित विकट समस्या का समाधान कृष्ण जी के उदाहरण को अनुकरण करके ही होगा।